रघुनाथ मंदिर: प्रभु श्रीराम - Ramrajya Trust

रघुनाथ मंदिर: प्रभु श्रीराम को समर्पित इस मंदिर में 33 कोटि देवी-देवता करते हैं वास

प्रभु श्रीराम के बिना वैतरणी पार करना असंभव है यही कारण है कि हिन्दू धर्म में भगवान श्रीराम का स्थान सर्वोच्च माना गया है। देवाधिदेव महादेव भी श्रीराम का ध्यान करते हैं और महाबलशाली बजरंग बली भी श्रीराम को पूजते हैं। त्रेता युग के नायक प्रभु श्रीराम आज भी हमारे देश भारत की आत्मा में बसते हैं।

देश में भगवान श्रीराम को समर्पित कई ऐसे मंदिर हैं जिनमें हिंन्दुओं की गहरी आस्था है। इन्हीं में से एक ऐसा अद्भुत मंदिर भी है जो जम्मू में स्थित है। जम्मू को तो वैसे भी मंदिरों का शहर कहा जाता है लेकिन यहां भगवान राम को समर्पित एक ऐसा मंदिर है जहां एक साथ सभी देवी-दवताओं के दर्शन होते हैं। ये मंदिर इतना भव्य, आकर्षक और अद्भुत है कि स्वप्न में भी इसकी कल्पना नहीं की जा सकती।

अद्भुत है रघुनाथ मंदिर

जम्मू शहर के मध्य में स्थित इस मंदिर का नाम है रघुनाथ मंदिर। ना केवल स्थानीय लोग बल्कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के बीच भी रघुनाथ मंदिर अत्यधिक लोकप्रिय है। भगवान श्रीराम को समर्पित इस मंदिर में एक साथ सभी 33 कोटि के देवी-देवताओं के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। रघुनाथ मंदिर परिसर में 7 ऐतिहासिक धार्मिक स्थल भी हैं। मुख्य मंदिर के आंतरिक हिस्सों को सोने के चादरों से सजाया गया है जिसे तेज का स्वरूप माना जाता है। मंदिर में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की विशाल मूर्तियां विराजमान हैं। मंदिर परिसर के कई कक्षों में रामायण और महाभारत काल से जुड़े पात्रों की भी मूर्तियां स्थापित हैं। आपको अचरज होगा ये जानकर कि रघुनाथ मंदिर परिसर में आप एक साथ चारों धामों को भी देख सकते हैं। यहां आपको बदरीनाथ धाम, केदारनाथ धाम, रामेश्वरम धाम और द्वारिकाधीश धाम के दर्शन का पुण्य मिलेगा। मंदिर में एक कक्ष ऐसा भी है जो भगवान सत्यनारायण को समर्पित है। इस कक्ष के बीचोबीच भगवान सूर्य की अत्यंत ही सुंदर कलाकृति को उकेरा गया है। मंदिर के बाहर 5 कलश भी देखे जा सकते हैं जो लंबाई में फैले हुए हैं। यहां दर्शन पूजन के लिए आने वाले भक्तों के लिए ‘लिंगम’ और ’सैलग्राम’ की एक भव्य गैलरी भी है।

रोचक है रघुनाथ मंदिर के निर्माण की कहानी

रघुनाथ मंदिर के निर्माण की शुरूआत सन् 1835 में महाराजा गुलाब सिंह के द्वारा की गयी थी, और 1857 के आसपास मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो गया था। इस मंदिर के निर्माण से जुड़ी एक रोचक कहानी भी प्रचलित है। मान्यता है कि महाराजा गुलाब सिंह को रघुनाथ मंदिर के निर्माण की प्रेरणा श्री राम दास बैरागी से मिली थी। श्री राम दास बैरागी भगवान श्रीराम के परम भक्त थे। वो भगवान राम के आदर्शों के प्रचार-प्रसार के लिए अयोध्या से जम्मू पहुंचे थे और वहां कुटिया बनाकर रहते थे। उन्होंने ही जम्मू क्षेत्र का पहला राम मंदिर बनवाया था। राम दास बैरागी ने गुलाब सिंह के राजा बनने की भविष्यवाणी की थी। ये भविष्यवाणी सच साबित हुई जिसके बाद उनकी प्रेरणा से महाराजा गुलाब सिंह ने भव्य राम मंदिर यानी रघुनाथ मंदिर के निर्माण की शुरुआत की। आगे चलकर इस पवित्र कार्य में उनके पुत्र महाराजा रणवीर सिंह भी सम्मलित हो गए और उन्होंने रघुनाथ मंदिर का निर्माण कार्य संपूर्ण कराया।

रघुनाथ मंदिर की वास्तुकला और यहां की दीवारों पर उकेरी गई कलाकृतियां अत्यंत ही सुंदर और अद्भुत हैं जो हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। मंदिर परिसर में एक भव्य पुस्तकालय भी है जहां संस्कृत की दुलर्भ पुस्तकें और पांडुलिपियों को सहेज कर रखा गया है। ये अद्भुत मंदिर हिन्दू धर्म की आस्था के साथ-साथ बल्कि पूरे जम्मू की भी पहचान है।

इस मंदिर में हर साल देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के दर्शन पूजन का फल पाते हैं।

कैसे पहुंचे रघुनाथ मंदिर

जम्मू स्थित रघुनाथ मंदिर में आप पूरे वर्ष कभी भी दर्शन-पूजन के लिए जा सकते हैं। ये मंदिर जम्मू बस स्टैंड से केवल आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 3 किलोमीटर है। इसके अलावा जम्मू एयरपोर्ट से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी तय करके भी रघुनाथ मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

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