नौलखा महल मां सीता के लिए नेपाल में टीकमगढ़ मध्य प्रदेश की महारानी वृषभानु कुंवर बुन्देला / पत्नी महाराजा प्रताप
🕉❣️🕉 एक दिन हनुमानजी जब, सीताजी की शरण में आए! नैनों में जल भरा हुआ है, बैठ गए शीश
काशी तो काशी है, काशी अविनाशी है! पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं। ब्रह्माजी ने भगवान
हमारे शास्त्रों में दिया गया और हमारे ऋषियों द्वारा समय-समय पर दोहराया जाने वाला मंत्र है “राष्ट्र की सेवा
चित्र में से अपनी दूसरी आँख निकालते हुए संत कनप्पा। संत कनप्पा उन 63 नयनार संतों में गिने जाते हैं,
तीन शुभ मुहूर्त के साथ प्रारंभ होगा सावन सोमवार का दूसरा व्रत, जानें महात्मय तथा व्रत संबंधी विस्तृत जानकारी
चातुर्मास : हिंदू व्रत, उपवास तथा महात्म्य का विवेचन सामान्य तौर पर आषाढ़ एकादशी से कार्तिक एकादशी तक का