धनतेरस पर्व : जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधान तथा धार्मिक महत्व सहित अन्य महत्वपूर्ण बातें!
दीपावली प्रकाश, खुशियों तथा उमंग का त्यौहार है। इस पर्व की शुरुआत धनतेरस पर्व के आरम्भ से होती है। पांच दिवस के त्यौहार दीपावली का प्रथम दिवस धनतेरस होता है। यह पर्व धन के कोषाध्यक्ष भगवान कुबेर तथा धन्वंतरि देव को समर्पित होता है। इस पर्व पर इनका पूजन किया जाता है। यह पर्व आपके जीवन जीवन में सुख समृद्धि तथा वैभव प्रदान करने में सहायक होता है। इस पर्व को धन त्रियोदशी या धन्वंतरि त्रियोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों धन तथा तेरस से मिलकर हुई है। जिसका अर्थ है धन तथा तेरस अर्थात त्रियोदशी यानी तेरह। हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस का पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी को मनाया जाता है।
धनतेरस पर्व का शुभ मुहूर्त
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर 2022 को है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आप किसी भी शुभ कार्य अथवा पूजन को उसके सही मुहूर्त में करते हैं तो आपको उसका परिणाम भी पूरा ही मिलता है। आपको बता दें की ज्योतिषीय गणना के अनुसार धनतेरस के पर्व का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ हो रहा है। जो की 8 बजकर 26 मिनट तक रहेगा अर्थात शुभ मुहूर्त की अवधि 1 घंटा 10 मिनट तक रहेगी। 22 अक्टूबर को त्रियोदशी तिथि का प्रारंभ शाम 6 बजकर 2 मिनट से हो जाएगा तथा त्रियोदशी तिथि का समापन 23 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 3 मिनट पर होगा।
धनतेरस पर्व पर इस प्रकार करें पूजन
धनतेरस पर्व पर पूजन करने से आप भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी तथा भगवान धन्वंतरि की कृपा को सहज ही प्राप्त कर सकते हैं। आइये अब आपको बताते हैं इस पर्व आप किस प्रकार से सरलता से पूजन कर सकते हैं।
1 . धनतेरस पर्व पर शुभ मुहूर्त के समय आप उत्तर दिशा में भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी तथा भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। इन्ही के साथ आप भगवान गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर की स्थापना भी करें।
2 . इसके बाद आपको दीपक को जलाकर विधिवत पूजन को प्रारंभ करना चाहिए।
3 . सबसे पहले आपको सभी देवी देवताओं को तिलक करना चाहिए तथा सभी को फल अर्पण करने चाहिए।
4 . अब आप भगवान कुबेर को सफ़ेद तथा धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का भोग लगाएं।
5 . पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जप करते रहें।
6 . भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए आप धन्वंतरि स्त्रोत्र का पाठ कर सकते हैं।
7 . अंत में आरती पाठ कर क्षमा प्रार्थना करके पूजन का समापन करना चाहिए।
धनतेरस पर्व महत्व
1 . सनातन धर्म में धनतेरस पर्व का विशेष महत्व है। मान्यता है की इस दिन पूजन करने से धन की देवी माता लक्ष्मी की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है तथा घर में सुख, शांति तथा समृद्धि बनी रहती है।
2 . धनतेरस पर्व पर भगवान कुबेर के पूजन का भी विधान है। अतः इस दिन सोने, चांदी के आभूषण, नए बर्तन, कपड़े आदि को खरीदना शुभ माना जाता है।
3 . मान्यता है की इस पर्व पर किसी भी धातु को खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन लोग अपने कार्यालय की साफ़ सफाई करते हैं तथा नए कपडे खरीदते हैं। ऐसा करना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस पर्व का धार्मिक महत्व
धनतेरस पर्व के धार्मिक महत्व की बात करें तो मान्यता है कि इसी दिन आयुर्वेद चिकित्सा पद्दति के पिता भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर इस सृष्टि में आये थे। इसी कारण धनतेरस पर्व को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। जब भगवान धन्वंतरि अवतरित हुए तो उनके हाथ में अमृत कलश था। इस कारण ही इस पर्व पर नए बर्तन खरीदने को शुभ माना जाता है। पीतल को भगवान धन्वंतरि की धातु माना गया है अतः इस दिन बर्तन खरीदने पर घर में आरोग्यता तथा सौभाग्य की वृद्धि होती है।
आपको बता दें कि सनातन धर्म के अलावा जैन संप्रदाय में भी धनतेरस पर्व का विशेष धार्मिक महत्व माना जाता है। जैन संप्रदाय के आगम शास्त्रों में इस पर्व को "धन्य तेरस तथा ध्यान तेरस" कहा गया है। इस तिथि पर ही भगवान महावीर तीसरे तथा चौथे ध्यान पर जाने के लिए योग निरोध के लिए प्रस्थान कर गए थे। तीन दिन तक योग निरोध करते हुए दीपावली पर्व पर भगवान महावीर को निर्वाण प्राप्त हुआ था। उस समय से ही इस पर्व को धन्य तेरस या ध्यान तेरस भी कहा जाता है।
धनतेरस पर्व पर यम दीपक जलाने का महत्व
दीपावली से दो दिन पहले यम दीपक जलाकर पूजन करने का विशेष महत्व तथा परंपरा है। पौराणिक मान्यता है की इस दिन यम दीपक जलाकर मृत्यु के देवता यमराज को प्रसन्न किया जाता है तथा अकाल मृत्यु से बचने के लिए उनका पूजन किया जाता है। यम दीपक को हमेशा दक्षिण दिशा में ही जलाया जाता है। ऐसा करने से यमराज देव प्रसन्न होते हैं तथा परिवार में किसी की अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
धनतेरस पर्व पर क्या खरीदें ओर क्या न खरीदें
इस पर्व पर सोना, चांदी, पीतल आदि को खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन धातुओं की खरीदारी करने से सौभाग्य बढ़ता है। इसके अलावा झाड़ू तथा धनिया खरीदना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन काले, गहरे रंग की वस्तुएं , चीनी मिट्टी की वस्तुएं, कांच, लोहे तथा एलुमिनियम से बनी वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए। इनको इस दिन खरीदना अशुभ माना जाता है।